Vandipe Namma Muddu Shaarade

हरि सर्वोत्तम । वायु जीवोत्तम । श्री गुरुभ्यो नमः ।

*NOTE: Choose desired output script using Aksharamukha (screen top-right).

वंदिपॆनम्म मुद्दु शारदे  (हमीर् कल्यानि)

वंदिपॆ नम्म मुद्दु शारदे शारदॆ शारदॆ

वंदिपॆ नम्म मुद्दु शारदॆ शरश्चंदिर वदनॆ शारदॆ शारदॆ ॥ प ॥

इंदिवराक्षि शतानंदनप्रिये देवि

कुंदु नोडदॆ श्रुति ज्नानवनीडॆ ॥ अ. प ॥

सीताब्जासनॆ सुखदायकी

सुरनाथाराधिते विश्वनायकी

वीताध्रुतॆ शिवमाते सद्गुणमणि

व्रातॆ वेदोपनिशद् गीते वाग्देवि माते ॥ १ ॥

पातकिगळॊडनाडि नानिन्न

पूताब्जापद भजिसदॆहोदे ना

पाताकवॆणिसदॆ सीतारमण

जगन्नाथविठनंघ्री गीताम्र्तव नुणिसॆ ॥ २ ॥

॥ भारतीरमणमुख्यप्राणान्तर्गत श्रीकृष्णार्पणमस्तु ॥