हरि सर्वोत्तम । वायु जीवोत्तम । श्री गुरुभ्यो नमः ।
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naaraayaNa
Raga: shudda dhanyaasi ThaLa: Khanda Chaapu
Aa: S G2 Ml P N2 PS
Av: S N2 P Ml G2 S
नारायण निन्न नामद स्मरणॆय
सारांम्रुतवु ऎन्न नालिगॆगॆ बरलि | pa |
छरण १:
कष्टदल्लिरलि उत्क्रीष्टदल्लिरलि ऎष्टादरु मतिकॆट्टिरलि
कृष्ण कृष्ण ऎंदु शिष्टरु पेळुव
अष्टाक्षर महा मंत्रद नामव
छरण २:
कनसिनॊळगागलि कळवळिकागलि
मनसु कॆट्टिरलि मुनिदिरलि
जनकजापति निन्न चरण कमलवन्नु
मनसिनॊळगॆ ऒम्मॆ नॆनॆसिकॊळ्ळो हागॆ
छरण ३:
संतत हरि निन्न सासिर नामव
अंतरंगद ऒळगिरिसि
ऎंतो पुरंदर विठल रायन
अंत्य कालदल्लि चिंतिसो हागे
॥ सर्वं श्री कृष्णार्पणं अस्तु ॥