हरि सर्वोत्तम । वायु जीवोत्तम । श्री गुरुभ्यो नमः ।
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veMkaTAchala nilayam
Raga: sindu bhairavi ThaLa: Adi
Aa: S R2 G2 Ml G2 P DI N2 S
Av: N2 DIP Ml G2 RI S N2 S
वॆंकटाचल निलयम् वैकुंठ पुर वासम्
पंकज नेत्रम् परम पवित्रम्
शंक चक्रधर चिन्मय रूपम् | pa |
अंबुजोद्भव विनुतम् अगणित गुण नामं
तुंबुरु नारद गानविलोलम् | anu.pa |
चरण:
मकर कुंडलधर मदनगोपालम्
भक्त पोशक श्री पुरंदरविठलं
॥ सर्वं श्री कृष्णार्पणं अस्तु ॥