Balakanda-Jaya Jaya Sri Raghu Rama

हरि सर्वोत्तम । वायु जीवोत्तम । श्री गुरुभ्यो नमः ।

*NOTE: Choose desired output script using Aksharamukha (screen top-right).

जय जय श्रीरघुराम
(बालकांड)
राग : देश्
रचॆनॆ : श्री गुरुजगन्नाथविठल दासरु

शिलॆयनु तन पदजलजदलिंद ललनॆय माडिद-रावु ॥७॥

इनियनिंदला वनितॆयगूडिसि मुनिसह नडॆदनु-राम ॥८॥

जनकन पुरवनु अनुजन सहितदि मुनियॊडनैदिद-राम ॥९॥

नरवरसभॆयलि गिरिशन धनुवनु मुरिदनु राघव-राम ॥१०॥

क्षोणीशन पणक्षीणिसि सीतॆय पाणिय पिडिदनु-राम ॥११॥

सुदतियु नीडिद पदुमद मालॆय मुददलि धरिसिद-राम ॥१२॥

जानकि सॊगसिन आननकमलकॆ भानुमनादनु-राम ॥१३॥

मार्गमध्यदि भार्गव बरलु मार्गण ऎसॆदनु-राम ॥१४॥

लक्मसतियूत लक्मण सहितदि तक्मण नदॆदनु -राम ॥१५॥

सीतॆय सह साकेतद जनरिगॆ प्रीतियगॊळिसिद-राम ॥१६॥

ध्वरितनपट्टव भरतगॆ नेमिसि त्वरदलि नडॆदनु-राम ॥१७॥

खरमुखदनुजर तरिदा रघुवर चरिसिद वनवन-राम ॥१८॥

राक्षसरावण वीक्षिसि सीतॆय नाक्षण वैदनु-राम ॥१९॥

पॊडवितनयळ पुडुकुव नॆवॆदि अडविय चरिसिद- राम॥२०॥

अरसुत बरुतिगॆ गिरियलि अंजनॆ तरुळन कंडनु-राम ॥२१॥

अनुपम करुणदि हनुमन ग्रहिसिद इनकूलसंभव राम ॥२२॥

शील बहुबलशालि ऎनिसिह वालिय कॊंदनु-राम ॥२३॥

वनितॆय गोसुग हनुमनु वेगदि वनधिय दाटिद-राम ॥२४॥

बिंकदि हनुमनु लंकॆय पॊक्कु मंकु दनुजर-राम ॥२५॥

वनगिरि दुर्गदि वनजाक्षियनु मनदणि पुडिकिद-राम ॥२६॥

धारुणितनयळ सारुवॆनॆनुत ऊरलि पुडुकिद-राम ॥२७॥

ओणिगळॊळु ता क्षोणितनयळा काणदॆ तिरुगिद-राम ॥२८॥

लोकद मातॆया शोकवनदॊळा लोकनगैदनु-राम ॥२९॥

कामिनिमणिगॆ रामन वार्तॆय प्रेमदि पेळिद-राम ॥३०॥

रामन शुभकरनामद वार्तॆय प्रेमदि पेळिद-राम ॥३१॥

रूढिजदेविय चूडामणिय नीडुवॆनॆंदनु-राम ॥३२॥

कुशलद वार्तॆय शशिमुखि केळि व्यसनदि नुडिदळु-राम ॥३३॥

कोतियॆ इल्लिगॆ यातकॆ बंदॆयॊ घातिपरसुररु-राम ॥३४॥

बलहीननु नी बलवंतसुररु छलमाडदॆ नडि-राम ॥३५॥

घनतर लंकॆग वनचर बंदॆयॊ दनुजरु कॊल्वरु-राम ॥३६॥

राक्षसगुण ता वीक्षिसि निन्ननु शिक्षॆय गैवुदु-राम ॥३७॥

मातॆयॆ तिळि ऎनग्यातर भय रघु नाथनु कायुव-राम ॥३८॥

आखणाशम नारायन दयदलि नी करुणिसि तायॆ-राम ॥३९॥

मुतात्मज ता भरदलि नडॆदु तरुगळ कित्तिद-राम ॥४०॥

अशॊकवनद सशॊकवर्थॆय निशिचर केलिद- राम॥४१॥

कोतिय हिडियलु कातुरदिंदलि दूतरु कळुहिद-राम ॥४२॥

लक्ष्यमाडदॆ तक्षण कोतिय शिक्षिपॆनॆनुतलि-राम ॥४३॥

बंदा रावणकंदन नोडि नंददि नलिदनु-राम ॥४४॥

अक्षकुमारन लक्षिय माडदॆ तक्षण कॊंदनु-राम ॥४५॥

युद्धदलति सन्नद्धराद प्रसिद्ध दितिजरु-राम ॥४६॥

शक्तियु सालदशक्तरागि बहुयुक्तिय माड्दरु-राम ॥४७॥

इंद्रारातियु नंददि बंदु निंदनु रणदलि-राम ॥४८॥

बॊम्मनस्त्रव घम्मनॆ हाकलु सुम्मनॆ सिक्कनु-राम ॥४९॥

मातॆय कंडारातिय पुरवर नाथन कंडनु-राम ॥५०॥

मूर्खाग्रणि केळ् लेखाग्रणि शिरि काकुत्स्थान्वय-राम ॥५१॥

रामन पदयुगतामरसकॆ ना प्रेमद भक्तनु-राम ॥५२॥

श्रीनिधिरामन मानिनितस्कर दानव केळॆलॊ-राम ॥५३॥

दुष्थनॆ तिळि नी सृष्टियॆ मॊदला दष्ठककर्थनु-राम ॥५४॥

भ्रष्थरावण सुरश्रेष्ठन वैरदि नष्टनु नीनागुवि-राम ॥५५॥

जानकिरमणनु मानवनल्लवॊ दानवांतकनु-राम ॥५६॥

बलवद्द्वाषवु सुलभल्लवॊ तव कुलनाशागॊदॊ-राम ॥५७॥

काननकोतियॆ एनाडिदि नुडि हानिय माडवॆ-राम ॥५८॥

आ क्षण रावण राक्षसजनरिगॆ शिक्षिसिरॆंदनु-राम ॥५९॥

कोतिय कॊंदरॆ पातक बप्पॊदु घातवु सल्लदु-राम ॥६०॥

तरुवरनेरिद वानरबालदि तरुवैरियनिट्टरु-राम ॥६१॥

हरिवर ताने उरियलि लंका पुरवनु दहिसिद-राम ॥६२॥

वानरनाथनु कानन सुरवर राननकित्तनु-राम ॥६३॥

दितिजततियनु हतगैदा कपि नतिसिद सातॆगॆ-राम ॥६४॥

सागरलंघिसि वेगदि बंदु बागिद स्वामिगॆ-राम ॥६५॥

रामन पदकॆ प्रेमदि विसिवु तिळिसि- राम ॥६६॥

कामिनिकॊट्टिह हेमद रागटॆ स्वामिगॆ नीडिद-राम ॥६७॥

गिरितरुगळ ता त्वरदलि तरिसि शरधिय कट्टिद-राम ॥६८॥

कामिनि नॆवदलि राम दनुजरिगॆ आ महयद्धवु-राम ॥६९॥

पाविन ता संजीवनपर्वत तीव्रदि तंदनु-राम ॥७०॥

सेवकहनुमनु देवन तम्मगॆ जीवनवित्तनु-राम ॥७१॥

तंदॆय पुरदलि इंद्रन वैरिय कॊंदनु लक्ष्मण-राम ॥७२॥

मूल बलवनु लीलॆयिंद नी गैसिद- रावु ॥७३॥

अंबुगळॆसॆदा कुंभकर्णना कुंभिणिगिळिसिद-राम ॥७४॥

राक्षसवर्यन वक्षोदारण वाक्षण गैसिद-राम ॥७५॥

गुणयुत विभीषणनिगॆ पट्टव क्षणदलि कट्टिद राम ॥७६॥

मंदगमनि सह नंदिग्रामकॆ नंददि बंदनु-राम ॥७७॥

रामनु सार्वभौमनागि ई भूमियनाळिद-राम ॥७८॥

रमॆयिंदलि ता रमिसिद सीता रमणनु रघुकुल-राम ॥७९॥

अंजनितनयगॆ कंजजपट्टव रंजिसि नीडिद-राम ॥८०॥

राज राज राजीवनयन तव भोजन नीडिद-राम ॥८१॥

कंजाक्षनपदकंजभजक प्राभंजनसुत कपि-राम ॥८२॥

चंपक तरुलत कंपित शुभतर किंपुरुदिद-राम ॥८३॥

मोदवॆ दक्ष प्रमोदोत्तर निज मोदावयवनु-राम ॥८४॥